ठहराव
- salil05
- May 2
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फ़ितूर-ए-ज़ोर
हर रोज़ हर रोज़
भाग भाग
ये कैसी लगी सोज़
रुक जा, थम जा
जो भी है वो
ख़ुद आएगा
ना भी आए
कम से कम
तू तो संभल जाएगा
फ़ितूर-ए-ज़ोर
हर रोज़ हर रोज़
भाग भाग
ये कैसी लगी सोज़
रुक जा, थम जा
जो भी है वो
ख़ुद आएगा
ना भी आए
कम से कम
तू तो संभल जाएगा
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