जब कदम भारी हो जाएं
- salil05
- May 2
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जब कदम भारी हो जाएं
उन्हें उठाने वाले बनो
भार गिनवाने वाले नहीं
जब रास्ते संकरी हो जाएं
सड़क बनाने वाले बनो
हताशा बढ़ाने वाले नहीं
किसी के कंधों पे भार बढ़ जाए
तुम संभालने वाले बनो
घबराने वाले नहीं
जब सफर लंबे हो जाएं
ध्यान बटाने वाले बनो
घड़ी पे नज़र टिकाने वाले नहीं
जब किसी से कोई वस्तु टूट जाए
दिलासा देने वाले बनो
मूल्य गिनवाने वाले नहीं
जब स्वास्थ्य बिगड़ जाए
देख भाल में जुटने वाले बनो
क्यों, किसलिए ढूंढने वाले नहीं
दिलों पे समय के घाव
किस्मत के माथे पे थपेड़े
अंगारों भरा जीवन सभी का है
शीतल मलहम लगाने वाले बनो
जले पे और जलाने वाले नहीं

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